रविंद्र नाथ टैगोर कौन थे | Ravindranaath tagore biography
रविंद्र नाथ टैगोर कौन थे | Ravindranaath tagore biography :->टैगोर जी ने हीर महात्मा गांधी जी को महात्मा की उपाधि दी थी एक समय था जब शांति निकेतन आर्थिक स्थिति से जूझ रहा था और गुरुदेव देशभर में नाटकों का मंचन करके धन संग्रह करने का काम कर रहे थे|
रविंद्र नाथ टैगोर कौन थे | Ravindranaath tagore biography
उस समय गांधी जी ने ही टैगोर जी को 7000 का अनुदान दिया था गांधी जी ने रविंद्र नाथ टैगोर को सबसे पहले गुरुदेव कहकर संबोधित किया था|Ravindranaath tagore biography
रविंद्र नाथ टैगोर जी का जन्म कब हुआ था :-
टैगोर जी का जन्म 7 मई 13 से 61 ईसवी में कोलकाता के ठाकुरबाड़ी में हुआ था|
रविंद्र नाथ टैगोर जी के माता पिता का नाम क्या था:-.
इनके पिता का नाम रविंद्र नाथ टैगोर और माता का नाम शारदा देवी था
टैगोर जी के माता पिता का नाम क्या था:-
टैगोर जी ने अपने 13 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे |और छोटी आयु में इनकी माता का देहांत हो गया था टैगोर जी को साहित्यिक अभिरुचि परिवारिक संस्कार के रूप में मिली थी|
इनके बड़े भाई धगजेंद्र नाथ कवि और दार्शनिक और इनके दूसरे भाई तेंद्र नाथ इंडियन सिविल सेवा में शामिल होने वाले पहले भारतीय थे|
रविंद्र नाथ टैगोर जी की शिक्षा:-
रविंद्र नाथ जी को प्रमुख शिक्षा कोलकाता के सेंट जेवियर स्कूल में हुई थी|
रविंद्र नाथ टैगोर जी 678 ईस्वी में लंदन की यूनिवर्सिटी में बैरिस्टर की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया लेकिन वहां बिना डिग्री की पढ़ाई पूरी किए बिना भारत वापस लौट आए हालांकि ऑक्सफोर्ड में विश्वविद्यालय ने इन्हें 1940 ईस्वी में मानद की उपाधि प्रदान की थी|
पिता थे ब्रह्म समाजजी:-
जी हां दोस्तों पिता के ब्रह्म समाज की होने के कारण रविंद्र नाथ टैगोर जी भी भ्रम समाजिक थे पर अपनी रचनाओं वह कर्म के द्वारा उन्होंने सनातन धर्म को भी आगे बढ़ाया वर्ष 1960 में सियालदह छोड़कर आश्रम की स्थापना करने के लिए शांतिनिकेतन आए|
भारतीय संस्कृति के लिए योगदान :-
भारतीय संस्कृति में नई जान फूंकने वाले टैगोर जी ने काफी रचनाएं लिखी| जिनमें से गीतांजलि गोरा उपन्यास पोस्ट ऑफिस गार्डनर का गोल्डन बूट आदि शामिल है
कब कब हुए यह सम्मानित:-
इनके उपन्यासों में मध्यम वर्गीय समाज विशेष रूप से उभर कर सामने आया इन्हें 1913 गीतांजलि के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला विवरण यह भारत के ही नहीं ईशा के प्रथम नोबेल विजेता है|
प्रकृति के प्रति गहरा लगाव रखने वाले यह प्रकृति प्रेमी एकमात्र व्यक्ति थे जिन्होंने 2 देशों के लिए राष्ट्रगान का भारत के लिए जन-गण-मन और बांग्लादेश के लिए आवास सोनार बांग्ला|
सन 1915 में किंग जॉर्ज पंचम ने रविंद्र नाथ टैगोर जी को नाइटहुड की पदवी से सम्मानित किया था जो कि आगे चलकर 1919 में जलियांवाला कांड के बाद टैगोर जी ने यह उपाधि वापस लौटा दी थी|
रविंद्र नाथ टैगोर जी का विवाह :-
रविंद्र नाथ टैगोर जी का विवाह 1883 ईस्वी में मृणालिनी देवी के साथ हुआ था| रविंद्र नाथ टैगोर जी ने अपनी पहली कविता में था 8 वर्ष की उम्र में लिख दी थी इन्होंने 2230 गीत की रचना की थी|
रविंद्र नाथ टैगोर जी के विचार :-
दोस्तों रविंद्र नाथ टैगोर जी मानवता को राष्ट्रवाद से ऊपर का दर्जा देते थे| वह यह भी कहते थे कि जब तक मैं जिंदा हूं तब तक राष्ट्रवाद को मानवता के ऊपर नहीं जीतने दूंगा|
टैगोर गांधीजी का बहुत सम्मान करते थे लेकिन वे उनसे राष्ट्रीय का देश भक्ति और संस्कृति विचारों में अपनी राय रखते थे इसलिए दोनों की आई डोलजी में काफी मतभेद था|
कब हुआ था रविंद्र नाथ टैगोर जी का निधन :->
भारत के राष्ट्रगान निर्माता रविंद्र नाथ टैगोर जी का मृत्यु कोलकाता में 7 अगस्त 1945 में हुई थी|Ravindranaath tagore biography